सतयुग

  • चार प्रसिद्ध युगों में सत युग पहला है।
  • इसे कृत युग भी कहते हैं।
  • इसका आरंभ अक्षय तृतीया से हुआ था।
  • इसका परिमाण 17,28,000 वर्ष है।
  • इस युग में भगवान के मत्स्य , कूर्म, वराह और नृसिंह ये चार अवतार हुए थे। उस समय पुण्य ही पुण्य था, पाप का नाम भी न था।
  • लोग अति दीर्घ आयु वाले होते थे। ज्ञान-ध्यान और तप का प्राधान्य था।
  • बलि, मांधाता, पुरूरवा, धुन्धमारिक और कार्तवीर्य ये सत्य युग के चक्रवर्ती राजा थे।
  • महाभारत के अनुसार कलि युग के बाद कल्कि अवतार द्वारा पुन: सत्य युग की स्थापना होगी।

मनुष्य की आयु – 1,00,000
लम्बाई – 32 फिट (लगभग)
तीर्थ – पुष्कर 
पाप – 0 विश्वा
पुण्य – 20 विश्वा
अवतार – मत्स्य, कूर्म, वाराह, नृसिंह
भगवान विष्णु ने जो ये अवतार लिये वे शंखासुर के वध और वेदों के उद्धार सहित, पृथ्वी का भार हरण, हिरण्यकश्यपु के वध और भक्त प्रहलाद को मुश्किलों से बचाने के लिए थे। भगवान श्रीराम के वंशज राजा हरीशचंद्र की कहानी भी सतयुग की ही है।